पालमपुर |
Himachal News: भाजपा के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे शांता कुमार ने अपनी ही पार्टी भाजपा को आईना दिखाते हुए कहा है कि उनकी पार्टी भी आज कुर्सी की राजनीति में लिप्त है। उन्होंने कहा कि सिर्फ राम मंदिर बनाने से काम नहीं चलेगा, हमें उनके सिद्धांतों का पालन भी करना होगा।
देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर दुख जताते हुए बनाया लेकिन सिर्फ राम मंदिर बनाने से काम नहीं चलेगा, हमें उनके सिद्धांतों का पालन भी करना होगा। कांगड़ा से चार बार सांसद रहे शांता कुमार ने कहा, “मैं हैरान हूं। गुलाम भारत की राजनीति देश के लिए थी, लेकिन आजाद भारत की राजनीति कुर्सी के लिए है। और मुझे दु:ख है कि मेरी पार्टी भी इस लहर में बह गई।” उन्होंने कहा, “सिद्धांत की राजनीति समय की मांग है और मैं कामना करता हूं कि मेरे देश के नेता अपने मूल्यों का पालन करें और देश में राजनीति का स्तर बेहतर हो।”
शांता ने कहा कि भगवान करे मेरे देश के सब नेताओं को सद्बुद्धि मिले और यह राजनीति देश के लिए हो। कांगड़ा जिले के पालमपुर में एक कार्यक्रम में पूर्व सीएम ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि गुलाम देश की राजनीति देश के लिए थी, आजाद देश की राजनीति केवल कुर्सी के लिए रह गई है और इस हवा में मेरी पार्टी भी चल पड़ी है।
प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति को लेकर बोले, जो कुछ हो रहा है उस पर वह कुछ बोल नहीं पा रहे हैं, न कुछ बोलूंगा। लेकिन आप बहुत आग्रह करोगे तो हो सकता है मेरी आंखों से कुछ आंसू निकल आएं, शब्द मेरे पास नहीं हैं। कहा कि 1951 से भारतीय जनसंघ और फिर जनता पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी में जीवन के 70 वर्ष लगाए। उन्हें पार्टी और देश ने बहुत कुछ दिया। आज 90 वर्ष की आयु में पीछे मुड़कर देखता हूं सोचता हूं, क्यों हमारी पार्टी के पास क्या कुछ भी नहीं था। पुलिस की लाठियां खाते, चुनाव लड़ते थे तो जमानत जब्त होती थी।
खबर कहीं लगती नहीं थी, लेकिन उस वक्त मेरी पार्टी के पास तीन चीज थी। एक समर्पित कार्यकर्ता, देशभक्ति की विचारधारा और मूल्य आधारित राजनीति। तीन बातों के कारण उस वक्त की दुनिया की सबसे छोटी पार्टी को मेरे देश की जनता ने एक बड़ी बनाया। शांता कुमार ने कहा कि जिस कारण भाजपा यहां तक पहुंची हमें उन बातों को नहीं छोड़ना चाहिए। परिस्थितियां तो नहीं बदलती मनुष्य ही परिस्थितियों को बनाता और बदलता है। शांता कुमार ने कहा कि सत्ता में रह कर सता छोड़ी, जेल में भी रहा और दो बार मुख्यमंत्री रहा, केंद्र में मंत्री रहा, लेकिन सिद्धांतों की राजनीति को नहीं छोड़ा।
माना जा रहा है कि शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह टिप्पणी की है, जहां पाला बदलने के कारण विधानसभा से आयोग्य घोषित किये गए कांग्रेस के छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार को गिराने के लिए बीजेपी की साजिश का हिस्सा करार दिया है।
कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों में सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं। इन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने और कटौती प्रस्ताव और बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी की एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था।
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