शिमला ब्यूरो |
CPS Appointment Case: हिमाचल हाईकोर्ट में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई अब 8 मई के लिए टल गई। हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ के समक्ष 22 अप्रैल सोमवार से सुनवाई शुरू हुई थी सुनवाई तीन दिन लगातार चली। अब इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से बहस की जानी है। खंडपीठ ने इसके लिए मामले को 8 मई को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए।
मामले पर सुनवाई के दौरान सीपीएस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वे केवल मंत्रियों को उनके कार्यों में सहायता करते हैं। उनका मंत्रिमंडल के कार्यों से कोई लेना देना नहीं है। सीपीएस की ओर से कहा गया कि उनकी नियुक्ति कानून के अनुसार की गई है और उनकी नियुक्ति से किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होता।
याचिका कर्ताओं की ओर से मामले पर सुनवाई के दौरान कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां (CPS Appointment Case) सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है, इसलिए इनकी ओर से किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं, इनकी और से गैर-कानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए।
वहीँ हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) (CPS Appointment Case) को दिए दर्जे पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कोर्ट से अपना पक्ष रखने के लिए 8 और 9 मई तक का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
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