Section 144 imposed in Leh: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला लेह में धारा 144 लागू की गई है। लेह जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। यह आदेश यह जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के 7 अप्रैल को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में महात्मा गांधी के दांडी मार्च की तर्ज पर नियोजित ‘पश्मीना मार्च’ से कुछ दिन पहले आया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लेह पुलिस ने बताया कि डीएम के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। लेह जिले में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे किसी भी जुलूस, रैली या मार्च पर रोक लगा दी गई है। किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है, “जिला मजिस्ट्रेट, लेह द्वारा जारी आदेश पढ़ा गया।
Section 144 Crpc imposed by District Magistrate Leh.
Violation of DM order shall invite punitive action under law.@ADGP_Ladakh @shrutiarora_IPS pic.twitter.com/NboS4IBmly— Leh Police (@LehPolice) April 5, 2024
बता दें कि सोनम वांगचुक के 7 अप्रैल को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में महात्मा गांधी के दांडी मार्च की तर्ज पर नियोजित ‘पश्मीना मार्च’ से कुछ दिन पहले आया है। मार्च का उद्देश्य लद्दाख के चरागाह क्षेत्रों में कथित चीनी घुसपैठ को उजागर करना है, जिसका उपयोग पश्मिनी चरवाहों द्वारा किया जाता है और पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र में जमीनी हकीकत को उजागर करना है।
लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में इसे शामल करने को लेकर आंदोलनरत पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के सात अप्रैल को लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में पश्मीना मार्च निकालने से दो दिन पहले लेह में धारा 144 लगाई गई है। सोनम वांगचुक की 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी।
PEACEFUL LADAKH IS VERY CONFUSED!
After 31 days of extremely peaceful prayers & fasts…
Suddenly peace initiatives of the administration sounds more dangerous than anything !PEACE AT ANY COST !!?#SaveLadakh #SAVEHIMALAYAS #SaveGlaciers #6thSchedule #SupportSonamWangchuk pic.twitter.com/ZRbPZ3V8Kv
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) April 5, 2024
इसके बाद महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की है। महिलाओं के बाद युवा अनशन पर बैठेंगे। इसी बीच पश्मीना मार्च का आह्वान किया गया है। वांगचुक एक बार शुक्रवार को लेह में अनशन स्थल पर पहुंचे हैं। यहां से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रशासन की तरफ से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश की जा रही है।
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