शिमला |
Shimla News: हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी के लिए प्रवक्ताओं के कोटे (PhD Quota For Lecturers) को खत्म करने का विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि हि.प्र. विश्वविद्यालय ने स्कूल लैक्चरार के पीएचडी कोटे को खत्म कर दिया है। ऐसे में उक्त कोटे के तहत पीएचडी करने का सपना देख रहे स्कूल लैक्चरार को झटका लगा है।
गौरतलब है कि एचपी विश्वविद्यालय (HP University) में पिछले महीने हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के मुताबिक स्कूल लैक्चरारों को अब विश्वविद्यालय में पीएच.डी. में प्रवेश के लिए किसी तरह का कोई कोटा नहीं मिलेगा। हालांकि विश्वविद्यालय में कॉलेज और विश्वविद्यालय के लैक्चरार को एक सीट हर विभाग में आरक्षित की गई है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने विश्वविद्यालय के इस फैसले का विरोध किया है। आज जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में संघ के प्रदेश अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह नेगी, महासचिव संजीव ठाकुर, वित्त सचिव राकेश भड़वाल, मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, मुख्य संगठन सचिव पवन शर्मा राज्य सलाहकार प्रेमपाल दुल्टा संरक्षक केदार रांटा राजपाल,तरुण नेस्टा युगल किशोर गुर्बचन सिंह , यशपाल शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किया जा रहे हैं ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रवक्ताओं के पीएचडी कोटे को खत्म करना समझ से परे है।
लोकेन्द्र सिंह नेगी ने बताया की निश्चित रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षक अपने विषय में अधिक ज्ञानी अनुभवी और योग्य होते है जिसका सीधा लाभ विद्यार्थियों और शिक्षा विभाग को विभिन्न कार्य योजनाओं को बनाने व लागू करने के लिये होता है। लोकेन्द्र सिंह नेगी ने माँग की है कि प्रवक्ताओं को पीए डी के लिए आरक्षित सीटों की व्यवस्था को पहले की तरह रखा जाये।
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