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Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘मैं सिर्फ कागजों में संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष हूं। मुझे फैसले लेने का कोई हक या शक्ति नहीं है। सीएम के फैसले उनके अपने नहीं, वह किसी और के फैसलों के हिसाब से काम कर रहे हैं।’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब से संगठन बदलते हैं। दूसरों पर बोलने से पहले उन्हें खुद के भीतर झांकना चाहिए। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र भाजपा के कहने पर बोल रहे हैं। उनका जाने का मन है तो चले जाएं।
लल्लन सिंह ने साबित किया कि मैं झुनझुना हूं
उपेंद्र कुशवाहा ने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब भी लल्लन सिंह के दफ्तर से कोई रिलीज या सर्कुलर जारी होता है तो मेरा नाम पार्लियामेंट्री बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर लिखा जाता है। अब वे कह रहे हैं कि मैं अध्यक्ष हूं ही नहीं। ऐसे में कागज सही है या खुद लल्लन सिंह। यह तो विवादित बात है।
उन्होंने कहा कि मैं बार-बार कहता आ रहा हूं कि मुझे पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सिर्फ कागजों में मिली है। व्यवहार में बिलकुल नहीं हैं। अब खुद लल्लन सिंह ने साबित कर दिया है कि जो मैं कह रहा था वह सही है। मैंने इसीलिए बोर्ड अध्यक्ष पद को झुनझुना कहा था।
19 और 20 फरवरी को बुलाई बड़ी बैठक
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने बीते कुछ दिनों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद से उपेंद्र के भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने शक्ति प्रदर्शन के लिए 19 और 20 फरवरी को पटना में बड़ी बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
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