-एसपी की अंगूठी गुम होने उपरांत महिला कर्मी द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला
सुंदरनगर|
एसपी मंडी शालिनी व महिला थाना प्रभारी रीता व स्टाफ द्वारा प्रताड़ना,गालीगलौच , मारपीट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस विभाग की सफाई कर्मी सुनीता द्वारा आत्महत्या के प्रयास उपरान्त अब जहा महिला के पति विनोद ने एसपी मण्डी शालिनी अग्निहोत्री के खिलाफ विभागीय जांच व एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही की मांग करते हुए जस्टिस पीएस तेजी (रि) अध्यक्ष पुलिस कम्पलेंट अथॉरिटी ,गृह मंत्रालय भारत सरकार,राज्यपाल, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश,अध्यक्ष अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग,अध्यक्ष महिला आयोग ,अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग सहित डीजीपी को लिखित शिकायत पत्र प्रेषित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
वही पीड़ित महिला सुनीता द्वारा भी प्रदेश के डीजीपी को ऑनलाइन शिकायत प्रेषित कर मारपीट ,गालीगलौच व प्रताड़ित किए जाने का बयान की प्रतियां व वीडियो सलग्न करते हुए उल्लेख किया है कि बीएसएल थाना पुलिस के थाना प्रभारी राजकुमार व कर्मी दिनेश द्वारा बयान नोट किए जाने के उपरांत भी पुलिस द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गई है।सुनीता ने एसपी मण्डी शालिनी अग्निहोत्री,महिला थाने की प्रभारी रीता व स्टाफ के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
न्याय मांग करते हुए कहा है कि पिछले दिनों एसपी के घर से अंगूठी चोरी हुई है ।जिसकी एवज में मेरे साथ मारपीट ,गालीगलौच व प्रताड़ित किया गया है। जिससे आहत हो मैने आत्महत्या का कदम उठाया । लेकिन बच गई हूं और मण्डी में उपचारधीन हु।दूसरीं तरफ महिला के पति विनोद कुमार का कहना है कि मेरी पत्नी निर्दोष है। मगर उसकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा है। शायद हम दलित वर्ग से है तभी ऐसा सलूक हमारे साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामला पुलिस की कप्तान के खिलाफ है ऐसे में पूरा पुलिस विभाग दबाब में है। उन्होंने कहा कि अगर डीजीपी भी न्याय नहीं कर पाए तो फिर हाईकोर्ट के अलावा कोई और विकल्प नही रहता है।
14 तारीख को गुम हुई अंगूठी 23 को किया एसपी ने अपने दफ्तर तलब
पीड़िता का कहना है कि 3 अगस्त से 17 अगस्त तक वह एसपी के घर ड्यूटी पर थी । घर मे तैनात अन्य कर्मियों ने उसे बताया कि अंगूठी 14 तारीख को गुम हुई । जिस पर एसपी ने उसे 7 दिन उपरांत 23 तारीख को 10.25 पर अपने कार्यलय तलब होने के लिए पुलिस लाइन में सन्देश भेजा जिस पर वह एसपी कार्यलय पहुच गई।जहा पर महिला थाना प्रभारी रीता,1 कॉन्स्टेबल व ड्राइवर भी पहुचे।तदुपरांत उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए एसएचओ को उसे थाने ले जाने व कड़ाई से पूछताछ के निर्देश दिए।
एसपी मंडी के व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है डीजीपी को मामले में सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए। महिला ने जो आत्महत्या करने का प्रयास किया है । ऐसा कदम वही उठाते है जो ईमानदार होने के बाबजूद अपने पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नही उठा पाते है। एस पी महिला होने के बाबजूद महिला पर ही इस तरह का व्यवहार कर रही है। इस पर कड़ी जांच होनी चाहिये। दोनों मामलों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो तभी सच सामने आएगा।
– बीआर कोंण्डल ,मुफ्त कानूनी सलाहकार