प्रजासत्ता नेशल डेस्क |
हरियाणा सरकार ने बड़ी कारवाई करते हुए चारों कफ सिरप के प्रोडक्शन पर रोक लगा दी है। दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार कफ सिरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एएनआई को बताया, सोनीपत की फार्मास्युटिकल कंपनी के डब्ल्यूएचओ द्वारा बताई गई दवाओं के सैंपल कोलकाता के सेंट्रल ड्रग लैब भेजे गए थे. रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, हालांकि केंद्रीय और हरियाणा राज्य के दवा विभागों के संयुक्त निरीक्षण में मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 12 खामियां पाई गईं. इसे ध्यान में रखते हुए उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया गया है। नोटिस दिया गया है। कंपनी को जारी एक कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि फर्म दवाओं के निर्माण और परीक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की लॉग बुक नहीं दिखा सकी।
कफ सिरप के निर्माण के लिए प्राप्त संभावित खतरनाक रसायनों के बैच नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है। रसायनों में प्रोपलीन ग्लाइकोल, सोर्बिटोल सॉल्यूशन और सोडियम मिथाइल पैराबेन शामिल हैं। प्रोपलीन ग्लाइकोल का एक बैच, जिसे कंपनी द्वारा विश्लेषण किया गया था और जिसे “मानक गुणवत्ता” घोषित किया गया था, वह कुछ मामलों में विफल रहा. जांचकर्ताओं को कोई प्रक्रियागत परीक्षण रिपोर्ट प्रदान नहीं की गई। हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक ने मेडेन कंपनी को नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. कंपनी को 14 अक्टूबर तक जवाब देना होगा।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार उत्पाद प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं।
खबर इनपुट एएनआई