प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
देश में इस समय कोरोना के मामलों ने तेजी पकड़ ली है। ऐसे में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत फरवरी से COVID-19 के दैनिक नए मामलों में वृद्धि देख रहा है और यह दूसरी लहर को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अप्रैल से चालू हुए दूसरी लहर करीब 100 दिनों तक जारी रह सकती है।
रिपोर्ट में 23 मार्च तक के रुझानों के आधार पर कहा गया है कि भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर में कुल मामले 25 लाख तक हो सकते हैं. 28-पृष्ठीय रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्थानीय तौर पर लागू किए गए लॉकडाउन और पाबंदियां ‘अप्रभावी’ रहे हैं और महामारी से निपटने के लिए सामूहिक वैक्सीनेशन ही ‘एकमात्र उम्मीद’ है|
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, “रोज़ाना दर्ज हो रहे नए केसों की संख्या के मौजूदा स्तर से पहली लहर के दौरान के सर्वोच्च स्तर को देखें, तो इस लहर का सर्वोच्च स्तर अप्रैल के उत्तरार्द्ध में आ सकता है…”
आर्थिक संकेतकों पर फोकस करते हुए SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिज़नेस एक्टिविटी इन्डेक्स (जो हाई फ्रीक्वेन्सी इन्डिकेटरों पर आधारित है), में पिछले सप्ताह के दौरान गिरावट दर्ज हुई है, और कुछ राज्यों द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन और पाबंदियों का असर अगले माह तक परिलक्षित हो सकता है|
रिपोर्ट में सभी राज्यों में वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाने का आह्वान भी किया गया है| मौजूदा समय में 34 लाख रोज़ाना वैक्सीनेशन को बढ़ाकर 40-45 लाख प्रतिदिन तक ले जाने पर 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने में अब से चार माह का समय लग सकता है|
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में आज 53,476 नए कोरोनावायरस केस दर्ज किए गए, जो पिछले पांच माह का उच्चतम स्तर था|
बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि 18 राज्यों में कोरोनावायरस का ‘डबल म्यूटैन्ट वेरिएन्ट’ पाया गया है, और उनके अलावा कई स्ट्रेन और वेरिएन्ट भी चिंता का विषय हैं, जो विदेशों में भी पाए गए हैं|
ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा था, “वायरस के खिलाफ हमारी जंग का एक साल पूरा हो चुका है, और हम दूसरी लहर की शुरुआत देख रहे हैं, तो हमारा फोकस टेस्टिंग, मास्क पहनने और वैक्सीनेशन पर होना चाहिए…”